मुक्ता
आपको यह पता लगाना पड़ेगा कि अजनबियों के प्रति उसके मन में डर कब और कैसे बैठा और इसे जल्द से जल्द दूर करना पड़ेगा। वरना उसका यह व्यवहार उसकी पर्सनैलिटी ग्रोथ को कम कर सकता है। इस सिचुएशन को आप हल्के तौर पर न लें। आप चाहें, तो प्रफेशनल हेल्प भी ले सकती हैं। बच्चे पर जबर्दस्ती न करें और उसे प्यार व विश्वास के साथ स्कूल जाने के लिए मनाएं।
मैं 16 साल की हूं और मेरे ममी-पापा मुझे हमेशा टोकते रहते हैं। मैं उनकी ऐसी बातों से परेशान हो चुकी हूं। जबकि मेरे फ्रेंड्स के पेरंट्स बहुत कूल हैं और उन्हें किसी बात के लिए कुछ नहीं कहते। उनसे किसी बात पर सवाल नहीं पूछे जाते और वे आराम से अपने मुताबिक जीते हैं। रात को दस बजे के बाद मुझे घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है और अगर मुझे देर होती है, तो मुझे अपने 14 साल के भाई को साथ ले जाना पड़ता है। मैं क्या करूं?
प्रिया
यंग जेनरेशन अपने मुताबिक जीना चाहती है और बड़े अपने डर व चिंता के चलते उन्हें सलाह देने से नहीं चूकते। यह समस्या हर टीनेजर के साथ आती है, इसलिए आपको इस बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए और न ही परेशान होना चाहिए। आप अपने पेरंट्स की तुलना दूसरे लोगों के साथ नहीं कर सकतीं। दरअसल, हरेक की अपनी पर्सनैलिटी होती है। अगर डर या चिंता की वजह से आपके पेरंट्स आपको कुछ कहते हैं, तो यह उनका हक है। और वे आपकी परवाह नहीं करेंगे, तो और कौन करेगा। थोड़ी आजादी के लिए आपको अपने कामों के द्वारा उन्हें विश्वास दिलाना होगा कि आप समझदार हैं और अपना ध्यान रख सकती हैं।
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