Monday, November 8, 2010

क्रियाओं का इस्तेमाल की सलाह

मेरी उम्र 35 साल है। शादी को सात साल हो चुके हैं। अब मैं अपनी पत्नी को ठीक से संतुष्ट नहीं कर पाता। मैं जल्दी निबट जाता हूं जबकि वह तब तक तैयार भी नहीं हो पाती। क्या कोई ताकत की दवाई लूं? सुबह कसरत करके ताकत बटोरने की कोशिश भी कर रहा हूं।

यह तो लग रहा है कि आपमें कामेच्छा ठीक से होती है। पेनिस (लिंग) में जरूरी तनाव भी आता है। आप सेक्स भी कर सकते हैं, पर आपकी चरम सीमा जल्दी आ जाती है यानी डिस्चार्ज जल्दी हो जाते हैं। इसी कारण आप अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाते। यह आम समस्या है। इसमें वर्जिश करने से या अच्छा भोजन खाने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। इस समस्या की मुख्य वजह जल्दी उत्तेजित हो जाना है। दूसरी वजह मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन या डायबीटीज की शुरुआत भी हो सकती है। इन तीन कारणों से ही व्यक्ति जल्दी डिस्चार्ज हो जाता है। इनमें से एक कारण भी हो सकता है, दो भी या तीनों साथ भी हो सकते हैं।

इसका इलाज आसानी से हो सकता है। दो तरह की दवाएं इस रोग में कारगर हैं। एक है - पैरोक्सीटिन 20 मिलीग्राम या क्लोमीप्रामीन 10 या 25 मिलीग्राम की गोली। अगर समागम के चार घंटे पहले पैरोक्सीटिन 20 मिलीग्राम या 8 घंटे पहले क्लोमीप्रामीन 10 या 25 मिलीग्राम की गोली पानी से ले ली जाए तो डिस्चार्ज नहीं होगा और समागम ज्यादा देर तक चलता रहेगा। हकीकत में यह एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं हैं। इन्हें अपने डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करना चाहिए।

इस काम में जो आयुर्वेदिक दवाएं इस्तेमाल होती हैं, उनमें से ज्यादातर में अफीम डाली जाती है। इनका लंबे समय तक सेवन करने से व्यक्ति के स्नायुओं में कमजोरी और नामर्दी तक आ सकती है। एलोपैथिक दवाओं में अफीम नहीं होता। हां, कभी-कभी जरा ज्यादा नींद जरूर महसूस होती है, पर कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं होता। डिस्चार्ज के बारे में यूनानी पद्धति का कहना है कि पेशाब अगर रोक-रोककर करें तो फायदा हो सकता है। कई लोग स्क्वीज तकनीक का भी इस्तेमाल करते हैं, पर मेरे अनुभव में यह ज्यादा कारगर नहीं दिखा। योग के मुताबिक वज्रोलि और अश्विनी मुदा का नियमित अभ्यास करने वाले को इस दिक्कत से मुक्ति मिल जाती है, पर मेरे अनुभव में बहुत लंबे समय के अभ्यास के बाद भी अपेक्षित परिणाम देखने में नहीं आते।

वज्रोलि मुद्रा : पद्मासन में बैठकर लंबी सांस अंदर लें और रोककर रखें। अंडकोष व लिंग को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें, जैसे पेशाब रोकते समय करते हैं।

अश्विनी मुद्रा : लंबी सांस खींचकर रोकें। ठोढ़ी को नीचे झुकाकर छाती से लगाएं। अपने गुदा द्वार को सिकोड़ें। जितनी देर कर सकें, करें। फिर सांस छोड़ते हुए नॉर्मल अवस्था में आएं। गर्दन सीधी कर लें।

इन यौगिक क्रियाओं से वे स्नायु पुष्ट होते हैं जो डिस्चार्ज को कंट्रोल करते हैं, लेकिन इन क्रियाओं का लंबे समय तक अभ्यास करने से ही फायदा होता। थोड़े-बहुत दिन करने से अपेक्षित लाभ नजर नहीं आता।

ऊपर बताई गई दवाओं और क्रियाओं का इस्तेमाल विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।

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